गैरसैंण में केवल चार दिन का बजट सत्र आयोजित करने के सरकार के फैसले पर सोमवार को सवाल उठ खड़ा हुआ। कांग्रेस विधायक दल के उपनेता करन माहरा ने इस पर आपत्ति जताते हुए विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल को पत्र सौंपा। विधानसभा अध्यक्ष ने भी माना कि समय कम है और सीएम से बात करने का आश्वासन दिया।
करन माहरा की ओर से विधानसभा अध्यक्ष को सौंपे गए पत्र में कहा कि चार दिन में बजट सत्र का होना संभव नहीं है। पहला सत्र होने के कारण राज्यपाल का भाषण भी होगा और इस पर चर्चा भी होगी।
इसके बाद बजट सदन में पेश होगा। बजट पर चर्चा के साथ ही विभागों के बजट भी सदन में पेश होंगे। विभागों के बजट पर भी चर्चा होगी। इन सबके लिए चार दिन का समय कम है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने भी माना कि बजट के हिसाब से चार दिन का समय सत्र के लिए कम है। बाद में मीडिया से मुखातिब विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले को लेकर सीएम से बात करेंगे।
पद यात्रा और जन जागरण करेंगे
करन माहरा ने सत्र का समय न बढ़ाने पर सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ने का एलान किया। रानीखेत विधायक ने कहा कि अगर सत्र का समय नहीं बढ़ाया गया तो कांग्रेस के विधायक पदयात्राएं करेंगे और लोगों को सरकार की कथनी और करनी के बारे में बताएंगे।
कम से कम सात दिन का हो समय
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि सत्र कम से कम सात दिन का होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यसमिति की बैठक में इस मामले में बात की जाएगी। राज्यपाल के भाषण से लेकर बजट पर चर्चा के लिए चार दिन का समय पर्याप्त नहीं है।
करन माहरा की ओर से विधानसभा अध्यक्ष को सौंपे गए पत्र में कहा कि चार दिन में बजट सत्र का होना संभव नहीं है। पहला सत्र होने के कारण राज्यपाल का भाषण भी होगा और इस पर चर्चा भी होगी।
इसके बाद बजट सदन में पेश होगा। बजट पर चर्चा के साथ ही विभागों के बजट भी सदन में पेश होंगे। विभागों के बजट पर भी चर्चा होगी। इन सबके लिए चार दिन का समय कम है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने भी माना कि बजट के हिसाब से चार दिन का समय सत्र के लिए कम है। बाद में मीडिया से मुखातिब विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले को लेकर सीएम से बात करेंगे।
पद यात्रा और जन जागरण करेंगे
करन माहरा ने सत्र का समय न बढ़ाने पर सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ने का एलान किया। रानीखेत विधायक ने कहा कि अगर सत्र का समय नहीं बढ़ाया गया तो कांग्रेस के विधायक पदयात्राएं करेंगे और लोगों को सरकार की कथनी और करनी के बारे में बताएंगे।
कम से कम सात दिन का हो समय
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि सत्र कम से कम सात दिन का होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यसमिति की बैठक में इस मामले में बात की जाएगी। राज्यपाल के भाषण से लेकर बजट पर चर्चा के लिए चार दिन का समय पर्याप्त नहीं है।
क्या कहती है विधानसभा कार्य संचालन नियमावली
-राज्यपाल के अभिभाषण पर कम से कम चार दिन की चर्चा होनी चाहिए।
-बजट पर कम से कम चार दिन की चर्चा।
-विभागों के बजट पर 15 दिन की चर्चा।
-सदन में बजट प्रस्तुत होने के दो दिन बाद से ही चर्चा।
450 प्रश्न मिल चुके हैं विधानसभा को
सत्र भले ही चार दिन का हो, लेकिन अपने क्षेत्र से संबंधित समस्याआें को उठाने में विधायक कोताही नहीं बरत रहे हैं। विधानसभा को अब 450 प्रश्न मिल चुके हैं। सत्र के शुरू होने में अभी दो सप्ताह का समय बचा है। ऐसे में प्रश्न की संख्या ही 800 से अधिक हो सकती है। पहले दिन प्रश्नकाल नहीं होगा। ऐसे में प्रश्नों के लिए भी समय कम रहेगा।
सीएम भाग रहे हैं क्या चर्चा से
यह सवाल कांग्रेस विधायक दल के उपनेता करन माहरा ने उठाया। करन के मुताबिक सत्र सामान्य रूप से सोमवार से शुरू नहीं किए जा रहे हैं। इस बार सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है लेकिन इस दिन राज्यपाल का भाषण है। प्रश्नों के लिए सोमवार का दिन मुख्यमंत्री के विभागों के लिए तय है। ऐसे में मुख्यमंत्री के विभागों से संबंधित सवाल सदन में आ ही नहीं पाते। करन के मुताबिक क्या इससे यह समझा जाए कि सीएम अपने विभागों की चर्चा से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
रानीखेत से सिर्फ शिकायत दर्ज कराने पहुंचे करन
करन माहरा बजट सत्र को लेकर शिकायत दर्ज कराने के लिए ही रानीखेत से देहरादून पहूुंचे। सुबह करन ने विधानसभा अध्यक्ष से उनके आवास पर मुलाकात की और इसके बाद रानीखेत लौट गए।
-बजट पर कम से कम चार दिन की चर्चा।
-विभागों के बजट पर 15 दिन की चर्चा।
-सदन में बजट प्रस्तुत होने के दो दिन बाद से ही चर्चा।
450 प्रश्न मिल चुके हैं विधानसभा को
सत्र भले ही चार दिन का हो, लेकिन अपने क्षेत्र से संबंधित समस्याआें को उठाने में विधायक कोताही नहीं बरत रहे हैं। विधानसभा को अब 450 प्रश्न मिल चुके हैं। सत्र के शुरू होने में अभी दो सप्ताह का समय बचा है। ऐसे में प्रश्न की संख्या ही 800 से अधिक हो सकती है। पहले दिन प्रश्नकाल नहीं होगा। ऐसे में प्रश्नों के लिए भी समय कम रहेगा।
सीएम भाग रहे हैं क्या चर्चा से
यह सवाल कांग्रेस विधायक दल के उपनेता करन माहरा ने उठाया। करन के मुताबिक सत्र सामान्य रूप से सोमवार से शुरू नहीं किए जा रहे हैं। इस बार सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है लेकिन इस दिन राज्यपाल का भाषण है। प्रश्नों के लिए सोमवार का दिन मुख्यमंत्री के विभागों के लिए तय है। ऐसे में मुख्यमंत्री के विभागों से संबंधित सवाल सदन में आ ही नहीं पाते। करन के मुताबिक क्या इससे यह समझा जाए कि सीएम अपने विभागों की चर्चा से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
रानीखेत से सिर्फ शिकायत दर्ज कराने पहुंचे करन
करन माहरा बजट सत्र को लेकर शिकायत दर्ज कराने के लिए ही रानीखेत से देहरादून पहूुंचे। सुबह करन ने विधानसभा अध्यक्ष से उनके आवास पर मुलाकात की और इसके बाद रानीखेत लौट गए।