हाईकोर्ट ने केंद्रीय परिवहन अपर सचिव के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने उत्तराखंड (उत्तरांचल) रोडवेज कर्मचारी यूनियन की जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद पूर्व में केंद्रीय परिवहन अपर सचिव को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए थे लेकिन वह पेश नहीं हुए।
हाईकोर्ट ने कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 फरवरी की तिथि नियत करते हुए उन्हें सुबह सवा दस बजे कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने एसएसपी नैनीताल से कहा है कि वह कोर्ट के आदेश का पालन कराएं। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
उत्तराखंड (उत्तरांचल) रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि सरकार उनके खिलाफ एस्मा लगाने जा रही है, जो नियम विरुद्ध है। सरकार ही संगठन और कर्मचारियों को हड़ताल करने के लिए मजबूर करती आई है। न तो कर्मचारियों को नियमित किया जा रहा है और ना ही उन्हें नियमित वेतन दिया जा रहा है। चार वर्ष से उनसे ओवरटाइम कराया जा रहा है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को देयकों का भुगतान भी नहीं किया गया है।
यूनियन का सरकार व निगम के साथ कई बार मांगों को लेकर समझौता हो चुका है। प्रदेश सरकार को जहां निगम को 69 करोड़ रुपये बकाया देना है वहीं यूपी परिवहन निगम ने भी निगम को 700 करोड़ रुपये देने हैं। यदि इस धनराशि की वसूली हो जाए तो यूनियन व निगम की सारी परेशानियां खत्म हो जाएंगी।