रोहित शर्मा ने रविवार को रांची में अपने टेस्ट करियर का पहला दोहरा शतक लगाया। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट की पहली पारी में रोहित का बल्ला जमकर बोला और बतौर ओपनर उन्होंने दोहरा शतक जड़कर कई कीर्तिमान स्थापित कर दिए।
मैच के बाद रोहित ने अपने रिकॉर्ड और बतौर ओपनर टीम के लिए खेलने की बात पर दिल की बात सामने रखी।रोहित ने दोहरा शतक जड़ने के बाद कहा कि अगर वह ऐसा नहीं करते तो लंबे फॉर्मेट में उनकी संभावनाओं पर काफी असर पड़ सकता था। रोहित ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'अगर मैं रन नहीं बनाता तो काफी कुछ होने वाला था, नहीं तो आप मेरे बारे में काफी कुछ लिख देते। मुझे पता था कि इसका पूरा फायदा उठाना होगा, अन्यथा मीडिया मेरे खिलाफ लिखता। अब मुझे पता है कि सभी मेरे बारे में अच्छी बातें लिखेंगे।'
बता दें कि रोहित ने अब तक चार पारियों में 529 रन बनाए हैं और किसी टेस्ट सीरीज में 500 से अधिक रन बनाने वाले सिर्फ पांचवें भारतीय ओपनर बने हैं। उन्होंने इस दौरान एक दोहरा शतक समेत तीन शतक जड़े हैं।उन्होंने आगे कहा, 'पारी का आगाज करना मेरे लिए अच्छा मौका था। जैसा कि मैंने विशाखापटनम टेस्ट के दौरान कहा, पारी की शुरुआत करने को लेकर मेरे और टीम प्रबंधन के बीच लंबे समय से संवाद हो रहा था। इसलिए मानसिक रूप से मैं इसके लिए तैयार था। मुझे पता था कि ऐसा कभी भी हो सकता है।'
32 वर्षीय रोहित ने अजिंक्य रहाणे (115) के साथ चौथे विकेट के लिए 267 रन की रेकॉर्ड साझेदारी की और भारत को शुरुआती झटकों से उबारने में सफल रहे। रोहित ने कहा, 'अगर इस पारी की बात करूं तो मैं कहूंगा कि यह सबसे चुनौतीपूर्ण थी। मैं ज्यादा नहीं खेला। मैं सिर्फ 30 टेस्ट खेला हूं। मैंने अब तक जिसका सामना किया है, उसे देखते हुए यह संभवत: सबसे चुनौतीपूर्ण था।'
रोहित ने कहा, 'पारी का आगाज करना छठे-सातवें नंबर पर बल्लेबाजी से अलग चुनौती है। यह इस पर निर्भर करता है कि आपने कैसी तैयारी की है, आप मैदान पर उतरकर क्या करना चाहते हो, क्या हासिल करना चाहते हो।'उन्होंने कहा, 'मैच की पहली गेंद का सामना करना, 30-40 ओवर के बाद खेलने की तुलना में बिलकुल अलग है।' रोहित ने कहा कि वह अगले साल न्यूजीलैंड दौरे पर विदेशों में भी अपनी सफलता को दोहराना चाहते हैं।